कुष्ठावस्था पेंशन योजना के बारे में
हमारे भारत देश में बहुत से ऐसे व्यक्ति हैं, जो कुष्ठ रोग से ग्रसीत हैं। कुष्ठ रोग भी एक प्रकार की विकलांगता है। कुष्ठ रोग से ग्रसीत विकलांग होना ज्यादा तकलीफ वाली बात नहीं है लेकिन यदि कुष्ठ रोग से ग्रसीत व्यक्ति गरीब परीवार से है तो फिर यह ज्यादा तकलीफ देह है। अब यदि कुष्ठ रोगी गरीब परिवार से है तो उसके परिवार वालों के पास इतना पैसा नहीं होता है कि उनका भरण-पोषण का खर्चा उठा सकें।
ऐसी स्थिति सरकार द्वारा चलायी जा रही कुष्ठावस्था योजना बहुत महत्वपूर्ण हो जाती है। इस योजना के अंतर्गत कुष्ठ रोगियों को उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्रत्येक महीने पेंशन दिया जाता है, जिससे कि रोगी आसानी से अपना खर्च वहन कर सके, एवं उसे दूसरों पर आश्रित न होना पड़े। यदि आप भी कुष्ठ रोग से ग्रसीत हैं तथा सरकार द्वारा चलायी जा रही "कुष्ठावस्था पेंशन योजना" का लाभ लेना चाहते हैं तो इस लेख में अंत तक बने रहें। हम आपको विस्वास दिलाते हैैं कि पूरा लेख पढ़ने के बाद आप आसानी से इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैें।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना का उद्देश्य क्या है?
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जा रही योजना कुष्ठावस्था पेंशन योजना का उद्देश्य ऐसे कुष्ठ रोगियों की आर्थिक मदद करना है जो गरीब परीवार से हैं, तथा जिनके परिवार वालों के पास इतना पैसा नहीं है कि वे कुष्ठ रोग के कारण विकलांग व्यक्ति का खर्च वहन कर सकें। इस योजना के तरह सरकार द्वारा कुष्ठ रोगी को प्रत्येक महीने 3000 रुपये दिये जाते हैं। जिससे कि रोगी आसानी से अपना खर्च वहन कर सके तथा किसी के ऊपर बोझ न बनें।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना का लाभ एवं विशेषताएं
- कुष्ठावस्था पेंशन योजना के अंतर्गत लाभार्थी को प्रत्येक महीने 3000 रुपये भरण-पोषण हेतु दिये जाते हैं, जिससे कि वे अपने खर्च को वहन कर सकें।
- इस योजना के द्वारा दी जाने वाली राशि सीधे लाभार्थी के खाते में DBT के माध्यम से ट्रांसफर कर दी जाती है , जिससे सारा का सारा पैसा लाभार्थी को मिल जाता है।
- इस योजना का लाभ उठाकर कुष्ठ रोगी आत्मनिर्भर बन सकता है। अब उसे किसी पर निर्भर नहीं होना पड़ेगा।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना का लाभ लेने के लिए पात्रता
उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा चलायी जाने वाली योजना कुष्ठावस्था पेंशन योजना का लाभ लेने हेतू आपको सबसे पहले इस योजना में आवेदन करना होगा और आवेदन तभी कर सकते हैं जब आप इसके लिये पात्र होंगे। अतः अपनी पात्रता को निम्नलिखित पात्रता से जरूर मिलायें-
- इस योजना का लाभ लेने हेतु आवेदक का उत्तर प्रदेश का मूल निवासी होना अनिर्वार्य है।
- इस योजना के लिए वही व्यक्ति पात्र होंगे जो कुष्ठ रोग के कारण विकलांग हों चाहे विकलांगता का प्रतिशत कुछ भी हो।
- ऐसे व्यक्ति जो पहले से वृद्धा पेंशन, विधवा पेंशन, अथवा ऐसे किसी पेंशन का लाभ पहले से ले रहे हैं, वे इस योजना का लाभ लेने के लिए योग्य नहीं होंगे।
- योजना का लाभ लेने के लिए व्यक्ति की आय बी. पी. एल. आय सीमा के अन्दर होनी चाहिए।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना में आवेदन हेतु आवश्यक दस्तावेज
कुष्ठावस्था पेंशन योजना का लाभ लेने हेतु आपके पास कुछ दस्तावेजों का होना अनिवार्य है , जो कि निम्नलिखित हैं-
- आवेदक का आधार कार्ड।
- आवेदक का राशन कार्ड।
- आवेदक का निवास प्रमाण पत्र।
- आवेदक का जन्म प्रमाण पत्र।
- कुष्ठ रोगी का विकलांग प्रमाण पत्र जो सम्बन्धित जिलाचिकित्साधिकारी द्वारा मान्य हो।
- बैंक पासबुक जिसमें आवेदक का नाम, खाता संख्या तथा आई. एफ. एस. सी कोड साफ-साफ दिखायी दे रहा हो।
- आवेदक का पासपोर्ट साईज का नवीनतम फोटोग्राफ।
कुष्ठावस्था पेंशन योजना के लिए आवेदन कैसे करें?
इस योजना का लाभ लेने हेतु आपको पहले कुष्ठावस्था पेंशन योजना के लिए आवेदन करना होगा। नीचे कुछ स्टेप्स दिये गये हैं जिन्हें फालो करके आप आसानी से इस योजना के लिए आवेदन कर सकते हैं-
- सबसे पहले आपको इस योजना के आफिशियल वेबसाइट पर जाना होगा।
- मुख्य पृष्ठ पर आपको "दिव्यांगता एवं कुष्ठावस्था पेंशन" वाले विकल्प पर क्लिक करना होगा।
- अगले पेज पर "ऑनलाइन आवेदन करें" वाले विकल्प पर क्लिक करें।
- अब आपके सामने कुष्ठावस्था पेंशन योजना का फार्म खुल कर आ जायेगा।
- फार्म में मांगी गयी सभी जानकारी को सही-सही एवं सावधानी पूर्वक भरें।
- सभी जानकारी को भरने के बाद आवेदक का फोटो, जन्म प्रमाण पत्र एवं विकलांग प्रमाण पत्र अपलोड करें।
- दस्तावेज अपलोड करने के बाद घोषणा को स्वीकार करें एवं कैप्चा भरें।
- अंत में सबमिट बटन पर क्लिक कर दें।
- इस तरह से आपका आवेदन सफलता पूर्वक सम्पन्न हो गया।